Reasons that telling us why our freedom is not safe!

आज 15 अगस्त है यह सबको मालूम है और यह भी मालूम है की हमने कितनी कुर्बानीयो के बाद इस आजादी को हासिल किया था। मगर जैसी गलती हमने अंग्रेजो के समय की थी कुछ वैसी ही गलती हम फिर करने लग रहे है, और अपनी आजादी की कदर और उसकी सुरक्षा नही कर रहे है। फिर और कोई आएगा और डिवाइड एंड रूल का फॉर्मूला लगाएगा और हम पर राज करेगा। बस फर्क इतना होगा की पहले आदमी बाहर का था और अब हमारे ही देश का होगा।

आज मैं आपको कुछ कारण बताऊंगा जो हमे साफ अंदेशा दे रहे है की धर्म खतरे में हो या ना हो पर देश जरूर खतरे मैं है।

  1. Control over media

जिस तरह घर का tv हमारे रिमोट से कंट्रोल होता है ठीक उसी प्रकार हमारा tv news भी किसी के कंट्रोल में है। अगर हम विश्व प्रेस स्वतंत्रता की ओर देखें तो भारत की रैंकिंग बद से बदतर होती चली जाती है। और अगर हम सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया की ओर देखें तो सरकार भी इसे किसी तरह नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, कुछ हफ्ते पहले दैनिक भास्कर पर छापे पड़ते हैं, अब यह सिर्फ संजोग तो हो नहीं सकता। और कुछ महीने पहले सरकार नए आईटी नियम पेश करती है जो सामाजिक निकायों को नियंत्रित करता है और सारा नियंत्रण सरकार के हाथों में होगा और अगर हम नियमो को सही से देखे तो यह नियम असंवैधानिक है।

  1. Forcibly tampering bills in the house

पिछले साल सितंबर के महीने में तीन नए कृषि बिल लाए गए और इन बिल को voice voting के द्वारा पारित किया गया, अगर इसे दूसरे शब्दो में कहे तो ठुसा गया:) जबकि अगर कोई सदस्य चाहे तो वह voice voting के विरुद्ध दूसरी प्रकार की वोटिंग की मांग कर सकता है मगर मांग की जाने पर भी बिल को पारित कर दिया गया। अगर हम इस सत्र की ही बात करे तो कई सारे बिल पास किए गए वो भी कम से कम विचार - विमर्श करके।

  1. not listening to the opposition

किसी भी लोकतंत्र में विपक्ष की एक अहम भूमिका होती है मगर यहां अपोजिशन को सही से सुनी भी नही जाती, संसद में विपक्ष भी मतदाताओं के ही प्रतिनिधि है।

  1. Lack of Accountability and transparency

हम सब जानते है की कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते कितने लोगो ने ऑक्सीजन की कमी से जान गवाई है, आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं। पीएम केयर्स फंड का पैसा कहां गया। अगर देश में जवाबदेही और पारदर्शिता तय नहीं होगी तो देश का पैसा कोई भी अपनी मर्जी से इस्तेमाल कर सकता है।

  1. Lack of public interest

लोगो का लोकतंत्र में सहभागिता न होना भी एक प्रमुख कारण है, क्योंकि जो नए कानून/नियम पारित हो रहे हैं, वे उनके पक्ष में नहीं हैं और अधिकतर असंवैधानिक हैं, यह जानने के बाद भी लोग चुप हैं। इसके बावजूद लोग विरोध (protest) नहीं करते। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सोशल मीडिया पर आवाज उठाते हैं। लेकिन सच्चाई तो यह है कि बदलाव जमीन पर होता है तो देश के नागरिकों को जमीन पर विरोध करने की जरूरत है अपने देश के लिए।

  1. Conflict among religion

हमारी मुख्यधारा की मीडिया देशवासियों के बीच धर्म के नाम पर फुट डालने में कोई कमी नहीं करती। देश के कुछ लोग धर्म के नाम पर किसी अन्य धर्म के लोगो के प्रति दुर्व्यवहार रखते है। उनके खिलाफ नारेबाजी करते हैं। यह देश की एकता के खिलाफ है। We have to understand this is the formula that someone is used to invade india। divide and rule :) यह आज भी इतनी ताकत रखता है की आज भी देश को टुकड़ों में बाटकर देश को गुलाम बना सकता है। फर्क इतना होगा की इस बार कोई बाहर वाला नही होगा।

आज इस स्वंत्रता दिवस पर आप शपथ ले की आप अपने देश के हित में आवाज उठाएंगे, देश की अखंडता संप्रभुता और संवैधानिक अधिकारो की रक्षा करेंगे। और गलत कामों के विरुद्ध अपनी आवाज उठाते रहेंगे। देश में भाईचारे की भावना का संचार करेंगे। जय भारत !
Alert! Active! And action !

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Ꭺᴅɪᴛʏᴀ

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Ꭺᴅɪᴛʏᴀ

Content writer ✍️ & podcaster | Law student ⚖️ | politics maniac | critical analyst | inconvenient stuff writer | I bring passion for politics and a keen interest in legal affairs and geopolitics I am actively engaged in in-depth discussions on political matters.